Headline
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
चार साल के मासूम का मिला आधा अधजला शव, मुकदमा दर्ज
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
निकाय चुनाव की तिथि का किया ऐलान, जानिए कब होगी वोटिंग
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
नगर निगम, पालिका व पंचायत के आरक्षण की फाइनल सूची जारी
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी विवेकानन्द पब्लिक स्कूल के 38वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
तमन्ना भाटिया के प्रशंसकों को मिला तोहफा, ‘ओडेला 2’ का नया पोस्टर जारी
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
चकराता में हुई सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटक स्थलों पर उमड़े लोग, व्यवसायियों के खिले चेहरे 
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
सर्दियों में भूलकर भी बंद न करें फ्रिज, वरना हो सकता है भारी नुकसान, ऐसे करें इस्तेमाल
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘रोजगार मेला’ के तहत 71,000 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 
अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने सीएम धामी से की मुलाकात 

अंतरराष्ट्रीय न्याय को ठेंगा

अंतरराष्ट्रीय न्याय को ठेंगा

यह स्पष्ट आदेश आने के बाद इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पर यहूदी विरोधी होने का इल्जाम लगा दिया। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की प्रतिक्रियाओं का सार भी यही है कि उनके लिए इस निर्णय का कोई महत्त्व नहीं है। गजा में इजराइली कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अंतरिम आदेश पर अमेरिका और उसके साथी देशों की प्रतिक्रिया नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उनकी निष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ह्वाइट हाउस ने कहा है कि इस निर्णय से इजराइल-फिलस्तीन युद्ध के बारे में उसके नजरिए में कोई बदलाव नहीं आएगा। कनाडा ने तो यह भी दोहरा दिया है कि इस मामले में दक्षिण अफ्रीका की याचिका की वैधता को वह स्वीकार नहीं करता। इसके बावजूद कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दो टूक निर्णय दिया कि संयुक्त राष्ट्र की नरसंहार संबंधी संधि के तहत उसने दक्षिण अफ्रीका की याचिका को विचार के लिए स्वीकार किया है।

इजराइल गजा में नरसंहार में शामिल है या नहीं, इस बारे में न्यायालय बाद में फैसला देगा। लेकिन दक्षिण अफ्रीका की तात्कालिक राहत संबंधी गुजारिश पर उसने छह महत्त्वपूर्ण आदेश दिए हैं। इनमें इस्तेमाल हुई भाषा से स्पष्ट है कि न्यायालय प्रथम दृष्टया मान रहा है कि यह नरसंहार का मामला है। उसने इजराइल को ऐसी हर कार्रवाई रोकने का आदेश दिया है, जिससे नरसंहार की आशंका हो। दक्षिण अफ्रीका ने तुरंत युद्धविराम का आदेश देने की गुजारिश की थी।

न्यायालय ने दो टूक ऐसा आदेश तो नहीं दिया, लेकिन उसके अन्य आदेशों का अर्थ व्यावहारिक रूप में युद्धविराम ही है। उसने गजा में मानवीय राहत पहुंचाने और मानवीय स्थितियां बहाल करने का आदेश दिया है। जाहिर है, यह कार्य बिना युद्धविराम के नहीं हो सकता। यह स्पष्ट आदेश आने के बाद इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पर यहूदी विरोधी होने का इल्जाम लगा दिया। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की प्रतिक्रियाओं का सार भी यही है कि उनके लिए इस निर्णय का कोई महत्त्व नहीं है। इस रुख से उन्होंने संदेश दिया है कि वे सिर्फ उन नियमों को मानते हैं, जो उनके मुताबिक और उनके हित में हों। अगर नियम उनके खिलाफ जाने लगें, तो वे उसे ठोकर मार देते हैं। मगर इस रुख से वे दुनिया में अपने नैतिक बल और सॉफ्ट पॉवर को और क्षीण करेंगे। आखिर वैश्विक नैरेटिव पर अब उनका पहले जैसा कंट्रोल नहीं रह गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top